हरीश नौटियाल
पहाड़ के गांवों परंपरा के संरक्षण में बेहद अहम भूमिका निभा रहे हैं। रामायण और महाभारत की कथा को पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य यहां स्वतः ही चलता है। महाभारत की घटनाओं को चित्रित करता सुदूर उत्तरकाशी जिले का क्यार्क गांव।
गांव में मेला लगा है। ढोल-दमाऊ की थाप पर पांडव लीला के गायन के साथ ही चौक में पांडव अवतरित होकर पूरे माहौल को अपने में समा लेते हैं। पहाड़ के मेलों की एक विशेषता यह होती है कि यह आयोजन सामूहिक होता है। गांव का प्रत्येक व्यक्ति इसमें स्वतः भागेदारी निभाता है। ग्राम पंचायत क्यार्क में जगदम्बा और सोमेश्वर देवता का मंदिर है। यहां इन दिनों सोमेश्वर देवता की पूजा अर्चना चल रही है और पूजा अर्चना में देव पशुवा अवतरित होकर भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हैं।
गांव की विवाहित बेटियां मायके आकर पूजा में शामिल है। गांव की विवाहिता बेटियां मेले में न आए तो यह बुरा माना जाता है, यही वजह है कि सभी बेटियां गांव पहुंचकर देवता से आशीर्वाद जरूर लेतीे हैं। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत क्यार्क गांव पूजा अर्चना में पहुंचे। ग्रामीणों के बेहद नजदीक जगमोहन रावत ने पूजा-अर्चना के साथ ही गांव की समस्याओं को भी जाना। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही सभी लोगों से योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह किया। कहा कि मेले हमारी पहचान हैं और इसके संरक्षण में जो भूमिका गांव निभा रहे हैं वह सराहनीय है।