वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के दल बदल को भले ही कांग्रेस छोटी बात करार दे रही हो, लेकिन इसके सियासी मायने गंभीर हो सकते हैं। खबर है कि इस राजनीतिक घटनाक्रम का वाम दल ने केरल में पूरा फायदा उठाने की तैयारी कर ली है। एक बार फिर दक्षिण भारतीय राज्य में सत्तारूढ़ लेफ्ट ने कांग्रेस को घेरा है। अनिल गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे।
कहा जा रहा है कि राज्य की मुस्लिम आबादी के मद्देनजर अनिल का भाजपा में जाना लेफ्ट के लिए नया हथियार बन सकता है। पार्टी यह धारणा बनाने की कोशिश कर सकती है कि अब कांग्रेस संघ परिवार का मुकाबला नहीं कर सकती। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस के नेताओं के दल बदल पर लेफ्ट ने सवाल उठाए हों। सीपीई (एम) कांग्रेस को भाजपा के लिए भर्ती का जरिया बताती रही है।
वाम नेता एमवी गोविंदन ने कहा, ‘यह दल बदल इसलिए हो सका, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा दोनों का राजनीतिक नजरिया है।’ उन्होंने अनिल के भाजपा में जाने को ‘भारतीय लोकतंत्र का अपमान’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘एके एंटनी ही थी, जिन्होंने कहा था कि कांग्रेस को दोहरी निष्ठा वाले लोगों की जरूरत नहीं है…। एके एंटनी उन लोगों को पार्टी में नहीं चाहते थे, जो दिन में कांग्रेस और रात में भाजपा के साथ हों।’