नैनीताल। हाईकोर्ट ने आईडीपीएल ऋषिकेश के पूर्व कर्मचारियों के आवासों को ध्वस्त करने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। गुलशन भनोट व आईडीपीएल के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के 19 जुलाई 2023 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें आईडीपीएल के कर्मचारियों के आवासों को ध्वस्त करने की सूचना दी गई थी।
याचिका में कहा गया कि उन्हें आईडीपीएल की ओर से मकान आवंटित किए गए थे। कंपनी पर अभी भी कई कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना भुगतान सहित वित्तीय देनदारी है। याचिका में कहा गया कि भले ही जमीन पर आईडीपीएल का पट्टा समाप्त हो गया हो लेकिन कंपनी के कर्मचारियों को बुलडोजर का उपयोग करके बलपूर्वक बेदखल नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार या वन विभाग, जिन्होंने ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया है, उन्होंने कानून की उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई है। कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।