पंचमुखी डोली में ओंकारेश्वर की ओर बाबा केदारनाथ का प्रस्थान
-सुबह 8.30 बजे पारंपरिक रीति-रीवाज से हुए शीतकाल के लिए कपाट बंद
-मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने स्वयंभू लिंग को दिया समाधि रूप
-सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किए बाबा केदार के दर्शन
राज्य प्रवक्ता
पौराणिक रीति-रीवाजों और धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ भैयादूज के पावन पर्व पर 7 गते कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, अनुराधा नक्षत्र के पावन मौके पर सुबह 08रू30 बजे सेना के बैंड की भक्ति धुनों और जयकारों के बीच भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योर्तिलिंगों में एक केदारनाथ धाम से बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने शीतकाल के लिए अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
इस मौके पर 10 हजार से अधिक शिव भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन किए। डोली रात्रि प्रवास के लिए अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। बाबा केदार की डोली शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए 25 अक्तूबर को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी। इसके बाद अगले छह माह तक शिव भक्त अपने आराध्य की पूजा-अर्चना और दर्शन यहीं पर कर सकेंगे।
गुरुवार को केदारनाथ धाम में सुबह 4 बजे से ही मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ की समाधि पूजा-अर्चना करते हुए अन्य परंपराओं का निर्वहन किया। इस मौके पर बाबा केदार के स्वयंभू लिंग का पुष्प-अक्षत और भष्म से श्रृगार कर समाधि रूप दिधा गया। साथ ही भोग लगाया गया। मुख्य पुजारी ने अन्य परंपराओं को निभाते हुए बाबा केदार की पूजा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने कहा कि बाबा केदार के कपाट बंद होने के अवसर पर देश – विदेश के श्रद्धालुओं के लिए शुभकामनाएं दी । कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप भब्य दिब्य केदार पुरी का निर्माण हुआ है कहा कि आज चारधाम यात्रा में इस वर्ष रिकार्ड 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे है। धामों के कपाट बंद के बाद शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने सभी तीर्थयात्रियों श्रद्धालुओं का अभिवादन भी स्वीकार किया। वहीं, बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने तक 1768795 ( सत्रह लाख अड़सठ हजार सात सौ पिचानबे) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है। उन्होंने कहा कि इस बार आपदा को छोड़ दे तो कुल मिलाकर केदारनाथ यात्रा सुगम एवं सुरक्षित रही है।
उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा के लिए भी यात्रियों को को प्रोत्साहित किया जायेगा और शीतकाल में केदारनाथ धाम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। इधर, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी देव डोली अपने धाम से प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए प्रथम पड़ाव रामपुर पहुंच गई है। शुक्रवार को डोली रामपुर से रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी और शनिवार 25 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ जी की पंच मुखी डोली गुप्तकाशी से शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी।
