कोलम्बिया पेसेफिक वर्चुअल यूनिवर्सिटी मथुरा में पीएचडी की उपाधि ग्रहण करते पंडित सुरेश शास्त्री।
राज्य प्रवक्ता
काशी विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी सदैव विद्वानों की नगरी रही है। भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में गंगा तट पर स्थित इस नगरी ने हमेशा कीर्तिमान स्थापित किए हैं। प्रसिद्ध ज्योतिष पंडित सुरेश शास्त्री की विद्वता ने एक बार फिर उत्तरकाशी का नाम रोशन किया है। पंडित सुरेश शास्त्री को विद्यावारिधि (पीएचडी) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह मानद उपाधि फलित ज्योतिष के क्षेत्र में लगातार शोधात्मक अध्ययन और ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए कोलम्बिया पेसेफिक वर्चुअल यूनिवर्सिटी मथुरा ने प्रदान की है।
पंडित सुरेश शास्त्री का जन्म उत्तरकाशी जिले के ग्राम मिश्र, तहसील डुण्डा, धनारी में हुआ है। उनके पिता मनिराम भट्ट भी ज्योतिष शास्त्र में पारंगत थे और माता प्रेमा देवी भट्ट ग्रहणी हैं। पंडित सुरेश शास्त्री की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। इसके बाद कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा उन्होंने राजकीय कीर्ति इण्टर कालेज उत्तरकाशी से प्राप्त की। कक्षा 9 पूर्व मध्यमा से आचार्य (एमए) की शिक्षा उन्होंने श्री विश्वनाथ स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय उत्तरकाशी से प्राप्त की।
पंडित सुरेश शास़्त्र.ी ने अध्ययन के बाद 5 वर्ष तक महर्षि महेश योगी संस्थान नोयडा उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के कटनी में 5 वर्ष यानि कुल दस वर्ष तक पांच हजार से अधिक वैदिक ब्राह्मणों को फलित ज्योतिष की शिक्षा दी। उनके शिक्षण अनुभव व उच्च शोध प्रवृति का परिणाम यह रहा कि उन्हें 2005 में अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष रिसर्च सेंटर झारखंड ने ज्योतिष ज्ञानेस्वर सम्मान से अंलकृत करते हुए स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।
2022 व 2024 में ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय देहरादून में आयोजित हुए ज्योतिष महाकुंभ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें ज्योतिष विभूषण सम्मान से सम्मानित किया। कोलम्बिया पेसेफिक वर्चुअल यूनिवर्सिटी मथुरा से मानद उपाधि प्राप्त पंडित सुरेश शास़्त्री न सिर्फ फलित ज्योतिष के विशेषज्ञ है बल्कि वेद, पुराण व उपनिषद पर भी गहरी पकड़ रखते हैं। कई धार्मिक अनुष्ठानों में पंडित सुरेश शास्त्री प्रधान ब्राहमण के पद पर सुशोभित रहे और उनके मुख से निकलते वाले दुर्गा सप्तशती, शिव पुराण, देवी भागवत समेत अन्य ग्रंथों के श्लोकों ने कई लोगों के जीवन को नई दिशा दी है। पंडित सुरेश शास्त्री जन्म कुंडली में स्थित हर ग्रह की चाल को न सिर्फ समझते हैं बल्कि उचित समाधान भी करते हैं।
