हरीश नौटियाल
उत्तरकाशी जिले का कुश-कल्याण बुग्याल: दूर तक फैली हरी मखमली घास और खिले रंग-बिरंगे फूलों के साथ ही बिल्कुल पास नजर आती हिमालय की हिमाच्छादित चोटिया पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कुश-कल्याण वास्तव में मनमोहक है। पक्षी प्रेमियों और वनस्पतियों पर शोध करने वालों के लिए यह बेहतरीन प्रयोगशाला है।
इन दिनों पर्यटकों की पहली पंसद बना हुआ है। इस अप्रैल माह में कुश-कल्याण बुग्याल सौ से अधिक पर्यटक देश-प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से पहुंच चुके हैं। वहीं इस वर्ष पर्यटकों की अच्छी आमद देख स्थानीय युवाओं के चेहरे खिल उठे हैं। बता दें कि कुश-कल्याण बुग्याल और इसके आसपास का क्षेत्र अपनी खूबसूरती के साथ ही धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उत्तरकाशी जिले में नाल्ड-कठूड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला कुश-कल्याण बुग्याल करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
यह भटवाड़ी विकासखंड के सिल्ला गांव से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित है। हालांकि कुश-कल्याण बुग्याल का पर्यटन मानचित्र पर वह पहचान नहीं मिल पाई है। जिसका यह हकदार है। लेकिन उसके बाद भी स्थानीय युवाओं के प्रयास से यहां पर पर्यटकों की इस वर्ष अच्छी आमद देखने को मिल रही है। सिल्ला गांव के पर्यटन व्यवसायी विनोद रावत ने बताया कि इस वर्ष कुश-कल्याण बुग्याल में 3 अप्रैल को देहरादून से आए पर्यटकों का पहला दल गया था। उसके बाद से यहां पर विभिन्न ट्रैकिंग एजेंसियों के माध्यम से ट्रैकर्स पहुंच रहे हैं। इस वर्ष 100 से अधिक पर्यटक कुश-कल्याण का दीदार कर चुके हैं। ट्रैकिंग गाईड दीपक सिंह सहित गजेंद्र सिंह ने बताया कि कुश-कल्याण बुग्याल में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले फूलों की भरमार है। इसके साथ ही ऊंची-ऊंची बर्फीली पहाड़ियों के सुबह सूर्याेदय का नजारा बहुत की खूबसूरत होता है। जो कि पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है। कहा कि जिस प्रकार से पर्यटक कुश-कल्याण का रुख कर रहे हैं। उससे स्थानीय निवासियों को आजीविका का एक सशक्त साधन मिल गया है। गाईडिंग के साथ ही घोड़ा-खच्चर व्यवसायियों को भी अच्छा लाभ हो रहा है। विनोद रावत कहत हैं कि प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग को कुश-कल्याण बुग्याल को विकसित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।