
नहीं सुलझ पा रहा रहा है वरिष्ठता का मसला
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
राज्य प्रवक्ता
प्रधानाचार्य के पदों पर प्रमोशन और सीधी भर्ती को लेकर शिक्षकों के बीच एकराय नहीं बन पा रही है। कुछ शिक्षक सीधी भर्ती के पक्ष में हैं, जबकि राजकीय शिक्षक संघ भर्ती का विरोध कर सभी पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने की मांग कर रहा है। हालांकि, इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर होने से मसला अब अदालती हो चुका है। गौरतलब है कि प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद लंबे समय से रिक्त हैं। शिक्षकों की वरिष्ठता का मामला नहीं सुलझने की वजह से इसमें कोई निर्णय नहीं लिया जा सका था। रिक्त पदों को देखते हुए सरकार ने प्रधानाचार्य के पचास प्रतिशत पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है। इस संबंध में 692 पदों की भर्ती के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को अधियाचन भी भेज दिया गया है। इसे लेकर शिक्षक अब दो हिस्सों में बंट गए हैं। कुछ का कहना है जब शिक्षकों के बीच वरिष्ठता का विवाद सुलझने के कोई आसार नहीं हैं तो फिर पदोन्नति भी मुश्किल है। ऐसे में कम से कम सीधी भर्ती से प्रधानाचार्य बनने का अवसर तो प्राप्त होगा। सोशल मीडिया में इसके समर्थन में मनोज पंत, आशीष, मुरली मनोहर भट्ट, शमशाद अली जैसे कई लोग शामिल हैं। दूसरी तरफ, राजकीय शिक्षक संघ इन पदों को पूर्ण रूप से पदोन्नति का पद मानता है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान का कहना है कि प्रधानाचार्यों के पदों को पदोन्नति के माध्यम से ही भरने के लिए शिक्षा मंत्री समेत अधिकारियों से बातचीत की जा रही है।