सीमांत जिले में समुदाय विशेष की तादाद बढ़ना बना चिंता का कारण
राज्य प्रवक्ता
बाबा विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी का नाम पुराणों में सौम्यकाशी के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित स्वयं-भू शिवलिंग से ऊर्जा का संचार पूरे भू-लोक पर होता है। विश्वनाथ की नगरी के लोग एक बार मुस्लिम समुदाय की बढ़ती तादाद और कलियुग की काशी में बढ़ती मांस की दुकानों को लेकर गुस्से में हैं। इससे पहले की घटनाओं पर नजर डाले तो एक समुदाय विशेष पर लव जेहाद, सरकारी जमीनों पर कब्जे की घटनाएं, अपरहरण जैसे मामलों में पिछले दस साल से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तराखंड में लगातार बढ़ती गतिविधियों को लेकर आम जन हैरत में है कि आखिर इस समुदाय की संख्या इस तादाद में कैसे बढ़ी। अब शुक्रवार को उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों के साथ स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन को नींद से जगाने की कोशिश की कि उत्तरकाशी में अतिक्रमण के साथ ही विशेष समुदाय के लोगों की तादाद बढ़ कैसे गई, और शिव की पवित्र नगर में कैसे मांस की दुकानें लगातार बढ़ रही हैं, कौन इन्हें इसकी इजाजत दे रहा है। मस्जिद मोहल्ले में कभी नगर पालिका ने मुस्लिम समुदाय को मस्जिद बनाने की इजाजत दी। तब वहां सिर्फ मस्जिद थी लेकिन अब मस्जिद मोहल्ले में सरकारी जमीन पर बड़ी संख्या में विशेष समुदाय के आवास बने हैं। बहुमंजिला इमारतें आखिर किसकी शह पर बनी और किसने इन जमीनों का सौदा किया, यह एक बड़ा सवाल है। प्रशासन को जगाने के लिए लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। यहां यह बताना जरूरी है कि बगैर राजस्व विभाग की मिली भगत से जमीनों पर कब्जे कैसे हो सकते हैं और जो टीम बनी है, वह क्या निष्पक्षता से जांच करेगी। बता दें कि उत्तरकाशी देश का सीमांत जिला है और इस जिले में अपरिचितों का बढ़ना बड़ा संकट भी बन सकता है। सरकार को भी चाहिए कि वक्त रहते इस मामले में सख्त कदम उठाए। पुलिस सत्यापन में एक-एक व्यक्ति की छानबीन की जानी भी राष्ट्रहित में जरूरी है। समुदाय विशेष को लेकर पुरोला, विकासनगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, श्रीनगर, चमोली, समेत अन्य पहाड़ी जिलों में प्रदर्शन हुए हैं और सभी जगहों से यह बात सामने आई कि अतिक्रमण कर अवैध बस्तियां बसाने के साथ ही लव जेहाद, मजारों का निर्माण, अपहरण जैसे घटनाएं लगातार बढ़ रही है। नाम बदलकर हिंदू लड़कियों को फंसाया जा रहा है। उत्तरकाशी के लोगों ने इन्हीं सवालों का जवाब मांगा है और इस संबंध में डीएम को ज्ञापन भी दिया है।
गुस्से में शिवनगरी, प्रदर्शन कर मांगें जवाब
उत्तरकाशी में हिन्दू संगठनों के आह्वान पर मांस और अतिक्रमण के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बढ़ती तादाद और अवैध कब्जों की जांच की मांग की। इस दौरान हुई सभा में लोगों ने सत्यापन के साथ ही अतिक्रमण पर कार्रवाई न किए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
शुक्रवार को तय कार्यक्रम अनुसार संयुक्त हिन्दू संगठनों हनुमान चौक पर एकत्रित हुए। शहर के मुख्य मार्गों पर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रर्दशनकारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग व्यस्त थे लेकिन नारे सुनकर वे बाहर आए और लोगों को समझाने की कोशिश की। प्रदर्शन में व्यापार मंडल अध्यक्ष रमेश चौहान, दिनेश पंवार, ठाकुर सुरेन्द्र पाल सिंह, सूरज डबराल, कीर्ति सिंह, सचेंद्र परमार, मुनेन्द्र रावत, कुलदीप शर्मा, किरन पंवार, सुशीला थपलियाल, विक्रमा, गीता गैरोला, उषा भट्ट, अर्चना, जितेन्द्र चौहान आदि शामिल रहे।
एसडीएम की अध्यक्षता में जांच को समिति गठित
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि बीते तीन सितंबर को हिन्दू संगठन ने ज्ञापन दिया था। इसके बाद उप जिलाधिकारी भटवाड़ी के अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है। अतिक्रमण के साथ ही मांस की दुकानों को हटाया जाएगा और सत्यापन अभियान में तेजी लाई जाएगी।