
सोमवार को पौड़ी के बाजारों में पसरा रहा सन्नाटा
राज्य प्रवक्ता
अभी तो दिन पहले पौड़ी से महज पांच किमी दूर कोठार बैंड के पास मिनी बस दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई और 22 लोग घायल हो गए। दुर्घटना स्थल पौड़ी के नजदीक था, तो घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाने में ज्यादा देर नहीं लगी। अब घायल अस्पताल तो पहुंच गए पर अस्पताल की बिजली ही गूल थी अब अस्पताल ने कई घायलों को बगैर प्राथमिक उपचार के ही श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर करना शुरू कर दिया। एक तरफ घायल कहराते रहे तो दूसरी तरफ अस्पताल के डॉक्टरों के हाथ खड़े नजर आए। आनंन-फानन में आठ घायलों को बेस अस्पताल पहुंचाया गया। चोटों से खून बेस अस्पताल तक बहता रहा, बेस अस्पताल श्रीनगर ने भी आठ घायलों में से चार को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया। पौड़ी से घायल पहले श्रीनगर और फिर वहां से भी चार घायलों को रेफर कर दिया गया। स्थिति साफ हो गई कि पौड़ी के अस्पताल रेफर सेंटर बन गए हैं। अच्छा भला पौड़ी का सरकार अस्पताल निजी हाथों को सौंप दिया गया और अब प्राइवेट संस्थान मोटा पैसा तो कमा रहा है लेकिन इलाज के नाम पर बुखार और खांसी की दवा के अलावा कुछ नहीं।
इस बीच सोमवार को नगर पालिका प्रत्याशियों के प्रचार में व्यस्त स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत बेस अस्पताल में रह गए शेष चार घायलों को हाल-चाल जानने अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पहुंचे तो लोगों ने भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। गुस्साएं लोग एक तरह से मंत्री जी से भिड़ गए। हालात बिगड़ते देख मंत्री खिसक लिए। कब तक सरकार लोगों से मुंह छुपाती रहेगी यह समझ से परे हैं। अब इधर पौड़ी में दिनभर हो हंगामा चलता रहा। व्यापारियों ने बाजार बंद कर दिया और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पौड़ी के अस्पतालों को आखिर स्वास्थ्य मंत्री क्यों बर्बाद करने पर तूले हुए हैं। पीपीपी मोड पर देकर अस्पतालों को कॉमा में क्यों पहुंचाया जा रहा है। छह लोगों की मौत की जिम्मेदारी तय करने की मांग की जाती रही। कलक्ट्रेट में प्रदर्शन होता रहा। गुस्साए व्यापारी व लोग डीएम को ज्ञापन सौंपना चाहते थे लेकिन डीएम साहब केबिन से बाहर नहीं निकले। लोग चिल्लाते रहे, चिल्लाते रहे, घायल कहराते रहे, पर डीएम ने ज्ञापन नहीं पकड़ा। बाद में एसडीएम ने ज्ञापन लिया। लोगों का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ, व्यापारी व स्थानीय लोग थाने पहुंच गए और थाने में भी नारेबाजी की।
इधर भारतीय जनता पार्टी की पौड़ी जिलाध्यक्ष सुषमा रावत नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी हैं। एजेंसी चौक पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के लिए मंच सजाया गया था। दिन में उनकी सभा थी लेकिन महेंद्र भट्ट की जनसभा लोगों का गुस्सा देख स्थगित करनी पड़ी। पौड़ी में कल जो कुछ हुआ उसका सीधा असर निकाय चुनाव पर पड़ना भी स्वाभाविक है।
पौड़ी के वरिष्ठ पत्रकार अनिल बहुगुणा
अपने फेसबुक एकाउंट पर लिखते हैं कि, जिसकी मुझे आशंका थी, वही निकला। दुर्घटना स्थल वाली सड़क में क्रैश बेरियर नहीं लगा था। जबकि स्पष्ट आदेश थे कि पहाड़ की सड़कों पर सभी जगह क्रैश बैरियर लगे होने चाहिए। रोड सेफ्टी की बैठकों में ये हिदायतें दी जाती रही थी। भारत सरकार ने भी इसलिए अलग से बजट का प्राविधान किया है जो राज्य सरकार को आवंटित है। इन क्रेस बैरियर के टेंडरों में नेता अपने अपने को दिलाने के लिए प्रदेश भर में भिड़े जा रहे है। मजबूरन अधिकारियों को ये टेंडर निरस्त करने पड़ रहे है। प्रदेश के कई जनपदों में ये झगड़ा लगातार हो रहा है। अगर ये क्रैश बैरियर होता तो 6 लोगों का जीवन बचाया जा सकता था।