एसकेएमसीएच समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के विद्यार्थी किसी भी मरीज को खुद से दवा और जांच की सलाह नहीं दे सकेंगे। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए प्रोफेशनल रिस्पांसब्लीटिस गाइडलाइन जारी की है। इसमें विद्यार्थियों को हिदायत दी गई है कि वह मरीजों की स्क्रीनिंग के समय उन्हें दवा या जांच की सलाह नहीं दें। अगर किसी मरीज को किसी दवा की सलाह देनी है तो मेडिकल छात्र अपने सीनियर डॉक्टर से पूछें और उसके बाद मरीज का इलाज के बारे में बताएं।
मेडिकल कॉलेजों में चौथे वर्ष के विद्यार्थियों को मरीजों की स्क्रीनिंग भी सिखाई जाती है। एनएमसी ने विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों के लिए भी प्रोफेशनल गाइडलाइन जारी की है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों का कॉलेज में पालन कराया जाएगा।
मेडिकल के छात्र अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी भी मरीज की जानकारी को शेयर नहीं कर सकेंगे। एनएमसी ने इस पर भी रोक लगा दी है। कमीशन ने कहा कि मरीज की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने से उनके मन पर बुरा असर पड़ता है। एनएमसी ने एसकेएमसीएच समेत सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिया है वह अपने यहां के छात्रों को स्थानीय बोली की पढ़ाएं ताकि उन्हें मेडिकल पास करने के बाद मरीजों का इलाज करने में कोई परेशानी नहीं हो।