राज्य प्रवक्ता
भारत और नेपाल की सशस्त्र सेनाओं के बीच 14 दिन का संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के मैत्रिय संबंध को मजबूत करने की दिशा में अहम साबित हुआ। वीरवार यानि 7 दिसम्बर को अभ्यास पूरा हुआ, अभ्यास में क्या-क्या हुआ। लेफ्टिनेंट कर्नल रक्षा मनीष श्रीवास्तव ने सेना के हवाले से विज्ञप्ति जारी कर इस अभ्यास को लेकर जानकारी दी। कमान के तहत उत्तर भारत क्षेत्र के पंचशूल ब्रिगेड के तत्वावधान यह अभ्यास हुआ। संयुक्त अभ्यास में पंचशूल ब्रिगेड की कुमाऊं बटालियन और नेपाली सेना की श्री तारा दल बटालियन ने भाग लिया । यह अभ्यास सूर्यकिरण श्रृंखला का 17वां अभ्यास था। ्रइस अभ्यास ने न केवल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा किया है, बल्कि आम संस्कृति और पारंपरिक संबंधों पर आधारित दोनों देशों के बीच दोस्ती को भी मजबूत किया है।
प्रशिक्षण का समापन 48 घंटे के आउटडोर सत्यापन अभ्यास के साथ हुआ, जिसमें दोनों टुकड़ियों के सैनिकों ने संयुक्त प्रशिक्षण में यथार्थवाद और गतिशीलता लाते हुए नवीनतम तकनीकी सिमुलेटर के उपयोग के साथ एक सिम्युलेटेड परिचालन वातावरण में काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म अभ्यास किया। इस दौरान समापन समारोह में नेपाली सेना के ब्रिगेडियर जनरल शानू काजी थापा और भारतीय सेना के ब्रिगेडियर एसपीएस चौहान उपस्थित थे। समापन समारोह के दौरान, दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों ने भाग लेने वाले सैनिकों द्वारा प्रदर्शित अनुकरणीय व्यावसायिकता, समन्वय और समर्पण के लिए अपनी सराहना व्यक्त करते हुए सभा को संबोधित किया।
संयुक्त सैन्य अभ्यास में प्रशिक्षण गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला देखी गई, जिसमें संयुक्त सामरिक अभ्यास, नकली युद्ध परिदृश्य, आपदा प्रबंधन अभ्यास और पर्यावरण संरक्षण पहल शामिल थे। भारत और नेपाल के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ने न केवल अपने रणनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त किया है बल्कि भविष्य के सहयोग और प्रयासों का मार्ग भी प्रशस्त किया है। इसने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत किया है, जिससे साझा क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में निरंतर सहयोग के लिए एक मजबूत आधार तैयार हुआ है।