राज्य प्रवक्ता
राज्य में कोषागारों (ट्रेजरी) से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनर्स अब अपना लाइफ सर्टिफिकेट डिजिटल माध्यम से जमा करा सकेंगे। सरकार की ओर से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की व्यवस्था कर दी गई है। इस संबंध में वित्त मंत्री डॉ़. प्रेमचंद अग्रवाल के अनुमोदन के बाद शासन ने जीओ भी जारी कर दिया है।
जीवन प्रमाण पत्र के वार्षिक सत्यापन, प्रक्रिया हुई आसान
वित्त मंत्री अग्रवाल ने बताया कि वार्षिक सत्यापन के लिए पेंशनर्स को अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता है। अब इस प्रक्रिया को अधिक सरल, प्रभावशाली व सुविधापूर्ण बनाया गया है। इसके तहत यूआईडीएआई के विकसित आधार फेस आरडी एप का प्रयोग करते हुए फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा किया जाएगा। डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) को जेनरेट करने के लिए पेंशन मास्टर में पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को आधार नंबर अपडेट करना होगा। उन्होंने बताया कि आधार संख्या अपडेट करने के लिए पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को पहली बार अपने संबंधित कोषागार में पेंशन प्राधिकार पत्र (पीपीओ), आधार कार्ड व बैंक पासबुक की मूलप्रति और उनकी छाया प्रतियां लानी होगी। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जो पेंशनर्स व पारिवारिक पेंशनर्स उक्त प्रक्रिया पूरी करते हुए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र एप के माध्यम से जेनरेट करेंगे, उन्हें अब कोषागार में आने की आवश्यकता नहीं होगी।
गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल करना जरूरी
वित्त मंत्री ने बताया कि पेंशनर को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका आधार नंबर कोषागार में पंजीकृत हो चुका है। इसके लिए पेंशनर अपने जीआरडी नंबर का प्रयोग करते हुए आईएफएमएस पोर्टल में लॉगिन करके अपनी प्रोफाइल में आधार नंबर देख सकते हैं। यदि आधार संख्या पेंशनर के प्रोफाईल में उपलब्ध नहीं है, तो पेंशनर को पेंशन प्राधिकार पत्र (पीपीओ), आधार कार्ड व बैंक पासबुक की मूलप्रति और उनकी छायाप्रतियां लेकर अपने नजदीकी कोषागार में उपस्थित होकर अपना आधार नंबर रजिस्टर्ड कराना होगा। उन्होंने बताया कि कोषागार स्तर पर संबंधित पेंशनर का जीआरडी नंबर का प्रयोग करते हुए पेंशन मास्टर खोला जाएगा और उसमें आधार नंबर व मोबाइल नंबर को सेव कर वांछित अभिलेख अपलोड करते हुए तीनों (ऑपरेटर, सुपरवाईजर, ऑफिसर) स्तर से स्वीकृत किया जाएगा। पेंशनर गूगल प्ले स्टोर पर जाकर जीवन प्रमाण व आधार फेस आरडी एप को इंस्टॉल कर सकता है। इसके लिए पेंशनर के पास अपनी ई-मेल आईडी होनी आवश्यक है।
पूरी करनी होगी डिजिटल प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि जीवन प्रमाण एप का प्रयोग करते हुए अपने चेहरे को मोबाईल फोन की सहायता से स्कैन करते हुए ऑपरेटर के रूप में स्वयं को पंजीकृत किया जाएगा। प्रथम बार डिजिटल जीवन प्रमाण के लिए पंजीकृत हो जाने के बाद पेंशनर्स को भविष्य में जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए कोषागर में उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी। जो पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर कोषागार में www.jeevanpramaan.gov.in में रजिस्टर्ड हो जाएंगे, वे भविष्य में जीवन प्रमाण पत्र स्मार्ट फोन, टेबलेट, विंडोज कंप्यूटर पर www.jeevanpramaan.gov.in से डाउनलोड कर फिंगरप्रिंट स्कैनर अथवा आधार फेस आरडी एप का प्रयोग करते हुए घर से भी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र दे सकेंगे। इस के लिए वे नजदीकी जीवन प्रमाण केंद्र अथवा नागरिक सुविधा केंद्र में भी संपर्क कर सकते हैं, जिसकी सूची www.jeevanpramaan.gov. in वेबसाइट के ‘लोकेट ए सेंटर’ लिंक में दी गई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पेंशनर का डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सफलतापूर्वक जमा होने के बाद जीवन प्रमाण वेबसाईट एसएफटीपी सर्वर के माध्यम से आईएफएमएस सर्वर को उपलब्ध कराएगी और उपलब्ध डाटा के आधार पर वित्तीय डाटा सेंटर की ओर से कोषागार स्तर पर एक एमआईएस रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी। कोषागार अपने यहां उपलब्ध डाटा से एमआईएस रिपोर्ट की जांच करते हुए पेंशनरों के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करेंगे, जिसकी सूचना एसएमएस के जरिए पेंशनर को मिलेगी। रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की भिन्नता के समाधान के लिए आईएफएमएस के अंतर्गत सपोर्ट विकल्प के माध्यम से निदेशक कोषागार को अवगत कराया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि जो पेंशनर पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे पुनर्विवाह न किए जाने संबंधी प्रमाणपत्र संबंधित कोषागार को उपलब्ध कराएंगे।