चंद्र प्रकाश बहुगुणा
साधु-संतों और तीर्थ पुरोहित की तपस्थली और भगवान विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी इन दिनों चुनाव में व्यस्त है। सुबह-सुबह बाबा विश्वनाथ के घंटे और शंख ध्वनि के अर्लाम से जागने वाली उत्तरकाशी अल सुबह ही चुनाव प्रचार के लिए दौड़ रही है। यहां चुनाव मैदान में भाजपा के किशोर भट्ट हैं। शक्ति मंदिर के पुजारी के किशोर की उपस्थिति जोरदार है। किशोर नामांकन के बाद से लगातार गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले जन संपर्क में जुटे हैं। ऊर्जा से भरे युवा किशोर को जनसमर्थन भी मिल रहा है। फिलवक्त 22 हजार 8 सौ साठ मतदाताओं को यहां नगर के भविष्य का फैसला करना है और इन्हें रिझाने के हर मुमकिन प्रयास प्रत्याशी कर रहे हैं।
कांग्रेस से यहां दिनेश गौड़ मैदान में हैं। दिनेश काफी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय है और उनकी मां कांग्रेस के स्तंभ के रूप में जानी जाती है। प्रभावती गौड़ कांग्रेस के चेहरों में गिनी जाती है लेकिन उम्र अधिक होने की वजह से वे एक सीमित दायरे में ही हैं। दिनेश गौड़ की सोच स्पष्ट है और वे एक बड़े वर्ग के चहेते भी हैं। पेशे से इंजीनियर दिनेश जन संचार में भी एमए हैं। स्पष्ट वक्ता और समस्या और समाधान पर उनकी चर्चा, इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। दिनेश गौड़ भी चुनाव के समीकरणों को अपने पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
तीसरे निर्दलीय भूपेंद्र चौहान राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। भूपेंद्र चौहान का नगर के 11 वार्डों में दखल बढ़ता जा रहा है। चुनाव चिन्ह टार्च पर चुनाव लड़ रहे भूपेंद्र ने तमाम 11 वार्ड में टॉर्च पर चुनाव लड़ रहे लड़ाकों को अपनी फौज में काफी हद तक शामिल कर लिया है और इस नाते वार्डों में लगातार पैंठ बना रहे हैं। किशोर और दिनेश दोनों की कोशिश भूपी को बांधना है। वर्तमान में दोनों दलों का तारगेट भूपी को बांधना है। यहां यह बात समझनी होगी कि भाजपा व कांग्रेस का कैडर वोट भी है। किशोर और दिनेश की शुरूआत तो बढ़िया रही लेकिन भाजपा अपनों के बीच घिरती नजर आ रही है। वहीं कांग्रेस एकजुट इसलिए भी नजर नहीं आ रही है कि उत्तरकाशी के कुछ कांग्रेसी देहरादून में कांग्रेस के प्रत्याशी के प्रचार में जुड़ें हुए हैं। असल में देहरादून नगर निगम से मेयर के पद पर वीरेंद्र पोखरियाल को कांग्रेस ने टिकट दिया है और वीरेंद्र पोखरियाल टिहरी लंबगांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने टिहरी-उत्तरकाशी से बड़ी संख्या में लोगों को यहां बुलाया है और वे लोग यहां वीरेंद्र पोखरियाल का प्रचार कर रहे हैं। अब उत्तरकाशी में किशोर, दिनेश और भूपेंद्र के बीच तोड़फोड की राजनीति चल रही है। हमें सिर्फ तोड़फोड़ पर नजर रखनी है। शेष बाबा विश्वनाथ की जो इच्छा, वहीं उत्तरकाशी का भाग्य लिखता है। इसलिए विश्वनाथ की शरण ही सबसे सुरक्षित है।