
संगत के साथ श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज।
दरबार साहिब की चेतावनी, एक इंच जमीन पर कब्जा बर्दाश्त नहीं
राज्य प्रवक्ता
दरबार साहिब श्री गुरु राम राय की मातावाला बाग को लेकर इन दिनों एक नई जंग छिड़ी हुई है। सोशल मीडिया पर अम स्वेडिया ने एक पोस्ट के जरिए दरबार साहिब को चुनौती दी और मातावाता बाग को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया। श्री महंत देवेन्द्र दास महाराज को भी इसमें निशाना बनाया हैँ इसके बाद दरबार साहि ने मातावाला बाग में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही अब नई नीति तैयार की जा रही है और इसके अनुसार मातावाला बाग में प्रवेश के लिए अनुमति पत्र जारी किए जाएंगेँ बगैर अनुमति पत्र के बाग में प्रवेश पर पाबंदी होगी। इधर द

रबार साहिब ने जिलाधिकारी, एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों को भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा है।
इस पूरे मामले पर दरबार साहिब की प्रबंधन समिति के मुख्य व्यास्थापक मधुसूदन सेमवाल, विशेष कार्यधिकारी विनय मोहन थपलियाल. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी, प्रशिक्षक पवन शर्मा, जनसंपर्क अधिकारी दिनेश रतूड़ी, विजय गुलाटी व राजेंद्र ध्यानी ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता की। वार्ता में उन्होंने कहा कि अमन स्वेडिया दरबार साहिब पर अर्नगल आरोप मथ रहा है। मातावाला बाग की जमीनों पर कब्जे की नियत है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के अनुसार मातावाला बाग को लेकर धरना-प्रदर्शन पर पाबंदी के साथ ही बाग के 250 मीटर दायरे में निषेद्याज्ञा भी लागू करने के आदेश हैं। ऐसे में अमन स्वेडिया भ्रम फैलाकर कुछ तत्वों को अपने साथ मिलाकर प्रदर्शन की चेतावनी दे रहा है, जबकि यह उच्च न्यायालय के आदेश की सीधे तौर पर अवेहलना है। ये लोग धार्मिक उन्माद फैलाने के प्रयास कर रहे हैं और श्री दरबार साहिब से जुड़ी संगतों में इस बात को लेकर आक्रोश है। श्री महंत देवेन्द्र दास जी कतई नहीं चाहते की देहरादून का माहौल बिगड़े, इसलिए मामला शासन, प्रशासन व मीडिया के संज्ञान में लाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मातावाला बाग दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के संचालन में ऐतिहासिक धरोहर है। 10 अप्रैल अमन स्वेडिया ने प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से यह जानकारी दी है कि वह अपने कुछ साथियों के साथ दिनांक 13 अप्रैल को जन आक्रोश पैदल मार्च निकालेंगे। जिसमें मातावाला बाग और श्री दरबार साहिब के नाम का भी उल्लेख किया गया है। न्यायालय के आदेशानुसार मातावाला बाग की 250 मीटर की परिधि में धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित है। श्री दरबार साहिब भी इस परिधि के अन्तर्गत आता है। इसके बावजूद अमन स्वेडिया व अन्य कानून का उल्लंघन करने पर जुगत में हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में तत्वों ने मातावाला बाग में पेड़ काटने की झूठी अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाई गई। तब वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मातावाला बाग का स्थलीय निरीक्षण कर पेड़ों की गणना की गई व गणना को सही पाया तब आंदोलन करने वाले लोगों पर पुलिस ने खदेड़ा।
मेला शुरू होने से पहले हर साल मातवाला बाग में संगतें सफाई करती हैं। मातावाला बाग में सफाई के दौरान शराब, ड्रग्स, प्लास्टिक कूड़ा बड़ी मात्रा में मिला। संगत इस स्थल को बेहद पवित्र मानती हैं। यही कारण रहा कि दोनों पक्षों के बीच गहमागहमी और बहसबाजी की नौबत आई। संगतों ने श्री महाराज से इसकी शिकायत की और नाराजगी जाहिर की। इस पर संगतों को महाराज ने समझाया और उन्हें किसी तरह शांत किया लेकिन एक बार फिर संगतों को भड़काने का काम किया जा रहा है।