- प्रदेश के कई कॉलेजों में आप में लड़ रहे हैं छात्र
- वर्षों पहले कॉलेजों को अलविदा कह चुके बाहरी लोगों का विवि व महाविद्यालयों में दखल
राज्य प्रवक्ता
छात्र संघ चुनाव निबट गए लेकिन छात्र-छात्राओं की लड़ाईयां थमने का नाम नहीं ले रही। शुक्रवार एमकेपी पीजी कॉलेज का गेट खुलते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और निर्दलीय छात्राओं के बीच जमकर उत्पात मचा। मामला इतना बढ़ा कि कॉलेज की प्राचार्य ममता के कार्यालय में छात्राएं आ धमकी और प्राचार्य के सामने ही भीड़ गई। छात्राओं के तेवर बेहद गर्म नजर आए। शोर शराब और आपसी संघर्ष के बीच प्राचार्य चिल्लाती रही लेकिन उनकी एक न सुनी गई और उन्हीं के सामने भिड़ंत हो गई। प्राचार्य ममता पर निर्दलीय प्रत्याशियों का आरोप है कि उन्होंने अभाविप का समर्थन किया। बहरहाल एमकेपी कॉलेज में तनाव बना हुआ है। फिलवक्त छात्र संघ चुनाव को लेकर पहाड़ों से लेकर मैदानों तक देखे परिणाम घोषित होने के बाद छात्र नेताओं में घमासान मचा हुआ है। डोईवाला, टिहरी, श्रीनगर, डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, समेत अन्य कालेजों में अभाविप और एनएसयूआई के छात्रों में संघर्ष चल रहा है। एक और बात यह नजर आ रही है कि छात्र तो जो कुछ भी हो लेकिन अभाविप और एनएसयूआई के पदाधिकारी जो सालों पहले पढ़ाई छोड़ चुके और वर्तमान में संगठनों की राजनीति कर रहे हैं वे लोग छात्रों को साथ खड़े हैं। यह साफ की कॉलेजों का जो शैक्षिक माहौल वह खराब करने की कोशिश है। वर्तमान दौर में जहां नौकरी की तमाम परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत और अध्ययन की आवश्यकता है, वहीं छात्र गुटों में उलझ कर यदि इसी तरह शिक्षा लेते रहे तो फिर बन गया उत्तराखंड का भविष्य। आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है और इस व्यवस्था में सुधार कैसे हो इसको लेकर चिंतन होना ही चाहिए। शिष्य गुरु का रिश्ते तो नजर ही नहीं आ रहे।