राज्य प्रवक्ता
सिलक्यारा सुंरग से मुक्त होने अब श्रमिकों को अधिक समय नहीं लगेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो शाम तक श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा। सिलक्यारा छोर बीते दिन ऑगर मशीन के टूटे हुए पार्टस बाहर निकालने के बाद देर शाम मैनुअली मलबा निकालने का काम शुरू हुआ। सुरंग में मैनुअली कार्य कर रहे श्रमिक मलबा बाहर फेंक रहे हैं। इधर अब ऑगर मशीन पाई भीतर धकेलने का कार्य कर ही है और श्रमिक मलबा ट्राली के जरिए मलबा बाहर भेज रहे हैं। अब तक कुछ 54 मीटर 800 एमएम का पाइप भीतर पहुंच चुका है और अब कुछ ही मीटर शेष रह गया है। एक और पाइप को ऑगर मशीन से भीतर पहुंचाया जाना है। यानि कुल छह मीटर दूरी श्रमिकों से रह गई है। सब कुछ ठीक रहा तो सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिक अब जल्द खुली हवा में सांस ले सकेंगे। वही, सुरंग के ऊपरी छोर से एक दशमलव दो मीटर व्यास वाले पाइप के
प्रधानमंत्री ने सीएम से ली जानकारी
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर बचाव कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के साथ ही उन्हें बाहर निकालने के लिए राहत बचाव कार्य में जुटे लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखने को कहा।
सिलक्यारा में मुख्यमंत्री, हर गतिविधि पर नजर
इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा पहुंचकर पहुंचकर बचाव कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद पत्रकारो से बातचीत में धामी ने कहा कि सभी इंजीनियर, विशेषज्ञ और अन्य लोग पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिल्क्यारा की तरफ से सुरंग के भीतर 52 मीटर क्षैतिज पाइप डाल लिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस अभियान को पूरा करने में सफलता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, किए जा रहे हैं हर संभव प्रयास
उधर, हैदराबाद में कोटि दीपोत्सवम कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सिल्क्यारा सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने दीपोत्सव कार्यक्रम में सभी श्रमिकों की कुशलता के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया। इधर, सुरंग में फंसे सभी श्रमवीरों को खाना, पानी, ऑक्सीजन सहित सभी सुविधांए उपलब्ध कराई जा रही है और सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।