
बौखनाग मंदिर के समीप एसडीआरएफ टीम के साथ अर्नोल्ड

राज्य प्रवक्ता
एक विदेशी की देवी-देवताओं पर आस्था को प्रणाम हैं। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने का रास्ता बनाने के लिए अतंरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स को बुलाया गया। मूल रूप से आस्ट्रेलिया के रहने वाले अर्नोल्ड वर्तमान में जिनेवा में तैनात है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरंग में जब भी कोई दिक्कत आती है तो अर्नोल्ड डिक्स को बुलाया जाता है। उन्हें सिलक्यारा भी बुलाया गया। अर्नोल्ड ने आते ही सबसे पहले स्थानीय क्षेत्रपाल देवता बौखनाग की पूजा-अर्चना की और समस्या को जानने के लिए सुरंग के भीतर प्रवेश किया। 12 से 28 नवम्बर तक ऑपरेशन चला और अर्नोल्ड सबसे पहले बौखनाथ को पुष्प करते और फिर नई योजना पर कार्य करते। विदेशी के भीतर इतनी श्रद्धा और हिंदू देवताओं के प्रति इतना सम्मान देखकर भी उत्तराखंड के कई लोग बौखनाग का मजाक उड़ाते भी दिखे। अब सुरंग में बचाव कार्यों में कोई दिक्कत नहीं आएगी और तीन दिन में श्रमिक बाहर आ जाएंगे, ये बौखनाथ के पश्वा ने 16 नवम्बर को नवयुग कंपनी के निदेशक को वचन दिया था और बौखनाग ने वचन पूरा किया। असल में बौखनाग सेमनाग राजा का प्रतिरूप है। सेमनाग तीन स्थानों पर स्थित है। कुपड़ा, बौखनाग और सेम में। इन तीनों स्थानों पर पूजा अर्चना होती है और हर साल एक मंदिर में मेला आयोजित होता है। यानि तीन-तीन साल में एक मंदिर में मेला उमड़ता है। इस देवता के प्रतीत पूरे पहाड़ की असीम आस्था है। इधर अर्नोल्ड रेस्क्यू पूरा होने के बाद एसडीआरएफ की टीम के साथ बौखनाग मंदिर पहुंचे और देवता का आशीर्वाद लिया। पहाड़ों में देवी-देवताओं का अस्तित्व आज भी है लेकिन जमीन छोड़ चुके कुछ लोग मजाक उड़ाने में पीछे नहीं रहते। खैर फिलवक्त अर्नोल्ड की नाग भक्ति जारी है और वे लोगों को प्रेरणा भी दे रहे हैं।