गंगा व यमुना घाटी के बाजार बंद, गुस्से में लोग, सड़कों पर पुलिस का सख्त पहरा
” जिनके हाथों में हमने फूल थमाए, उन्हीं हाथों के पत्थर हमारी तलाश में थे”
राज्य प्रवक्ता
मोक्षदायिनी गंगा के तट पर बसी करोड़ों हिंदुओं की आस्था और विश्वास की प्रतीक शिवनगरी उत्तरकाशी के ध्यानमग्न विश्वनाथ की धरती पर बृहस्पतिवार को जो कुछ हुआ वह शुभ संकेत नहीं है। गोमुख से कन्याकुमारी तक बहती गंगा की पवित्र धारा के साथ विचारों की धारा भी प्रभावित होती है।
अब घटना की बात करें तो घटना प्रशासन के उस अधिकारी के सूचना अधिकार में दिए गए जवाब से शुरू होती है, सूचना अधिकारी में हिंदू संगठनों को बताया गया कि वरुणावत पर्वत पर स्थित गोफियारा में मस्जिद का निर्माण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुआ है। जमीन किसी और की थी और उसे मस्जिद के नाम दर्ज करवा दिया गया। सूचना में यह दिया गया। जाहिर सी बात है कि हिंदू संगठनों ने मस्जिद का विरोध कर दिया। विरोध को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह ने मामले की जांच एसडीएम भटवाड़ी को मामले की जांच सौंपी गई। जांच में एसडीएम ने स्पष्ट किया कि जमीन वैध है। 19 अक्तूबर को मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद से जुड़े सभी दस्तावेज रजिस्ट्री, खाता-खतौनी, सुन्नी वक्फ बोर्ड संबंधी दस्तावेज समेत अन्य कागज प्रशासन को सौंपे। कुल 4 नाली 15 मुट्ठी जमीन मस्जिद मुस्लिम समाज के कुछ लोगों के नाम दर्ज है। एसडीएम की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मस्जिद की जमीन वैध है। अब सवाल यह उठा कि कितनी वैध है और कितनी कब्जा की हुई है इसकी प्रशासन जांच करें। हिंदू संगठनों की यह मांग जायज भी है कि जब मामला उठा है तो इसका निस्तारण कर दिया जाए।
प्रशासन का काम भी जन समस्याओं का समाधान और सरकार की योजनाओं का सही से क्रियान्वयन भी है। यहां प्रशासन को चाहिए था कि मांग के अनुरूप जमीन की नाप-छाप कर यदि अवैध जमीन मिलती तो उस पर प्रतिबंध जैसे कार्रवाई करती लेकिन इसके बजाय यह बात अधिक प्रचारित की गई कि हिंदू संगठन गलत मांग कर रहे हैं। इधर हिंदू संगठन आक्रोश रैली को लेकर सक्रिय हो गए। एक हफ्ते पहले से इसका अल्टीमेट भी दिया गया। इस पर प्रशासन को हिंदू संगठनों व वरिष्ठ लोगों के साथ दोनों समुदायों की बैठक कर समस्या का समाधान करना चाहिए था लेकिन इसके बजाय रैली पर फोकस कर दिया गया। कांग्रेस और मुस्लिम समुदाय ने मांग की कि रैली पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। बात समाधान की नहीं हुई बल्कि प्रशासन भी रैली पर केंद्रित हो गया। पहले प्रशासन ने अनुमति नहीं दी लेकिन बुधवार की शाम एक रूट प्लान तय कर प्रशासन ने अनुमति दे दी। बृहस्पतिवार को रैली की की तैयारियां सुबह से शुरू हो गई थी, यहां बातचीत का रास्ता फिर भी खुला था लेकिन बातचीत के बजाय फोर्स बढ़ाने का कार्य किया गया।
सुबह से हनुमान चौक पर रैली को माहौल तैयार किया जा रहा था और भीड़ भी जुटनी शुरू हो गई। व्यापारियों ने स्वयं ही बाजार बंद कर दिया और रैली में शामिल हो गए। यहां से दोपहर 12 बजे रैली निकली। हाथों में भगवा लहराते हुए जय श्री राम, जय काशी विश्वनाथ और ऊं नम: शिवाय के जयकारों के साथ रैली आगे बढ़ी किसी प्रकार की कोई नारेबाजी नहीं बल्कि ऐसा लगा जैसे गंगा के तट पर संतों की धार्मिक यात्रा निकल रही हो। पुलिस की कड़ी चौकसी, एक-एक व्यक्ति पर पुलिस की पैनी नजर के साथ रैली भटवाड़ी रोड बैरिकेडिंग पर पहुंची। यहां पुलिस ने रैली को रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। खैर लोग यहां जमीन पर बैठ गए और हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ ही ऊं नम: शिवाय का जाप करने लगे। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक बोलत और पत्थर बरसने लगे। लोग बेरिकेडिंग के तरफ भागे तो पुलिस ने लाठी चा दी। 7 पुलिस कर्मियों समेत 29 लोग चोटिल हुए। दर्शन भारती भी उसमें शामिल है उनके सिर पर तीन टांके लगे हैं।
अब यहां बड़ा सवाल है कि प्रदर्शनकारी जमीन पर बैठकर हनुमान चालीसा और ऊं नम: शिवाय का जप कर रहे थे, पुलिस की पूरी नजर थी। तो फिर वरुणावत की तरफ से पत्थर और बोतले किसने फेंकी। तमाम वीडियो जो समाने आए हैं, उनसे भी साफ हो रहा है कि वरुणावत की तरफ से पत्थर व बोतले फेंकी गई। अब सवाल यहां पुलिस और खूफिया विभाग पर यह है कि चार घंटे बैरिकेडिंग पर प्रदर्शनकारी बैठकर हनुमान चालीसा और ऊं नम: शिवाय का जप कर रहे थे, पुलिस की भी पैनी नजर थी। जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत, एसडीएम भटवाड़ी रमोला, के अलावा अधिकारी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे। पुलिस की कड़ी चौकसी थी फिर कैसे फेंकी गई बोतले और पत्थर। बकौल पूर्व पालिका अध्यक्ष सुधा गुप्ता, यह एक षड्यंत है और पत्थर बरसाए गए। इसकी जांच होनी ही चाहिए। पुलिस चारो और फैली हुई थी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस सुबह से मोर्चा संभाले हुए थी फिर किसने चलाए पत्थर, इस पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हरीश डंगवाल कहते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ रहे थे भाई साहब, हमने तो यह सोचा भी नहीं था कि “जिनके हाथों में हमने फूल थमाए, उनके हाथों के पत्थर ही हमारी तलाश में थे”। खैर ये जिसने भी किया उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हरीश का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री धामी जी प्रशासन से जवाब मांगना चाहिए कि आखिर शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पत्थरों के साथ ही पुलिस की लाठी से क्यों दो तरफा वार किया गया। उत्तरकाशी को न्याय चाहिए।
सवाल निषेधाज्ञा पर
उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने निषेधाज्ञा पर सवाल उठाया है कि “इस अनिश्चितकालीन निषेधाज्ञा में जिला मजिस्ट्रेट ने लिखा है कि निषेधाज्ञा समयाभाव के कारण एकपक्षीय रूप से लागू की जा रही है। एकमात्र इसी आधार पर यह आदेश असंवैधानिक है। एकपक्षीय और अनिश्चितकालीन ? यदि अर्जेंट है और छानबीन व विचार करने का समय नहीं है तो एक-दो दिन के लिए लागू करते और अगले दिन सम्यक् विचार करके उसे बढ़ाते अथवा निरस्त करते”‘
डीएम बोले, प्रदर्शनकारियों ने किया शर्तों का उल्लंघन
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि प्रदर्शन के लिए संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ को सशर्त अनुमति दी गई थी। पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था। इस संबंध में प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के साथ गत दिन हुई वार्ता में प्रदर्शनकारी संगठन के नेताओं ने अनुमति की शर्तों के अनुसार तय रूट और समय के भीतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की वचनबद्धता व्यक्त की थी। कहा कि पथराव में कुछ पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी चोटिल हुए। जिसके चलते पुलिस को बाध्य होकर स्थिति को नियंत्रण में बनाये रखने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। नगर में अभी स्थिति सामान्य है। प्रशासन के द्वारा शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और एहतियातन नगर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है।
पथरबाजों पर होगी सख्त कार्रवाई: एसपी
पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने कहा है कि पथराव की घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पथराव करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि तय रुट से दूसरे रुट पर जाने की कोशिश की गई तो इस दौरान रोके जाने पर कुछ धक्का-मुक्की हुई, फिर पत्थरबाजी हुई, पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। एसपी ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। इसकी जांच की जा रही है।