राज्य प्रवक्ता
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ऑल वेदर रोड की उत्तरकाशी जिले में स्थित निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग की भूगर्भ वेताओं की रिपोर्ट पर ही निर्माण शुरू किया गया होगा। साढ़े तीन साल से नवयुग कंपनी ने सुरंग का तीस मीटर हिस्सा लूज छोड़ा हुआ था और अंतत: यह हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा। सुरंग के भीतर 41 मजदूर सुरक्षित हैं यह बौखनाथ की कृपा ही समझिए, भूगर्भ वेताओं और कंपनी ने तो गजब ही कर दिया था। फिलवक्त आज की प्रोग्रेस पर देखें तो सुरंग में फंसे 41 श्रमवीरों को बाहर निकाले के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बनाई जा रही पाइप लाइन के भीतर सरियों में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को काटकर बाहर निकाल लिया गया है। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है और जल्द ही मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरंग को अब 9 मीटर मैनुअल ढंग से खुदाई करके बनाया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है और अब तक 30 मीटर गहराई तक खुदाई की जा चुकी है। इस बीच, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस.एस संधू ने राहत और बचाव अभियान का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने सुरंग के भीतर फंसे श्रमिकों से बातचीत की। उन्होंने श्रमिकों के परिजनों से भी बात की और सुरंग के भीतर भेजी जा रही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता के बारे में जानकारी भी ली। नई दिल्ली में पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि बचाव अभियान में श्रमिकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान दिया जा रहा है। सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं।